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Saturday, 12 December 2015

सूर्यपुत्र शनिदेव के विशेष वाहन (पर सवार शनिदेव) की पूजा करके आप अपनी मनोकामना को कर सकते हैं सच ।

विशेष वाहन पर सवार 

शनिदेव की पूजा करके 

आप अपनी मनोकामना को सच कर सकते हैं।





 शनिदेव की पूजा का दिन है आज उन्हें तेल चढ़ाकर प्रसन्न करने का दिन है आज लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके एक दो नहीं बल्कि नौ वाहन हैं  और इन 9 वाहनों में विराजित शनिदेव की पूजा करने से अलग-अलग फल मिलता है। इसलिए अपनी इच्छापूर्ति के लिए जरूरी है कि उनके सही रूप को जानना और फिर उसकी आराधना करना। शास्त्रों में बताया गया है कि शनिदेव से इच्छाओं की पूर्ति के लिए शनिदेव का वरदान पाना जरूरी है।

वैसे तो शनिदेव का सबसे प्रमुख वाहन गिद्ध है। जो कि भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ का छोटा भाई है। लेकिन इसके अलावा घोड़ा, गधा, कुत्ता, शेर, सियार, हाथी, हिरण और मोर को भी उनका वाहन बताया गया है। यमराज के भाई होने की वजह से उनका एक और वाहन भैंसा है। मान्यता है कि शनिदेव जिस वाहन पर सवार होकर जिस भक्त के पास जाते हैं। उसे उस वाहन के अनुसार फल भी मिलता है। शास्त्रों में कहा गया है कि हर वाहन विशेष इच्छा और फल के लिए उत्तरदायी होता है, और अगर शनिदेव की उस वाहन पर पूजा कर ली जाए तो शनि तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं।

अगर शनि भक्त शनिदेव की आराधना सच्चे मन से करे तो सूर्यपुत्र उनकी मनोकामना पूरी करने में कभी देर नहीं करते | शनि का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी से अधिकतम है | अत: जब हम कोई भी विचार मन में लाते है , योजना बनाते है, तो वह प्रत्सावित अच्छी - बुरी योजना चुंबकीय आकर्षन से शनि तक पहुँचती है और अच्छे का परिणाम अच्छा जब की बुरे का बुरा परिणाम जल्द दे देती है |
सूर्यपुत्र शनिदेव के प्रति अनेक बातें हमारे ग्रंथों में मिलते हैं माना जाता है कि शनिदेव प्रकृति में संतुलन पैदा करते हैं और हर किसी के साथ न्याय करते हैं जो लोग अनुचित करते हैं शनिदेव उसे ही केवल प्रताड़ित करते हैं बहुत कम लोगों को पता होगा कि शनिदेव की सवारी कौवा या गिद्ध ही नहीं बल्कि पुरे 9 सवारी शनिदेव के हैं शनिदेव के कुल 9 सवारी में गिद्ध, घोड़ा, गधा, कुत्ता, शेर, सियार, हाथी, मोर और हिरण हैं हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि शनिदेव जिस वाहन पर सवार होकर जिसके पास भी जाते हैं वह व्यक्ति उसी के हिसाब से फल का उत्तरदायी होता है :-
शनिदेव के वाहन का निर्धारण जातक के जन्म, नक्षत्र संख्या और शनि के राशि बदलने की तिथि की नक्षत्र संख्या दोनों को जोड़ लें फिर योगफल को नौ से भाग कर लें शेष संख्या के आधार पर ही शनिदेव का वहान का निर्धारण होता है आइए बारी-बारी से देखते हैं इन सवारीयों के परिणाम और इनसे उबरने के तरीके और प्रत्येक वाहन का मतलब : -
1. शनिदेव की सवारी घोड़ा – 
 यदि शनिदेव की सवारी घोड़ा हो तो जातक को शुभ फल मिलते हैं, इस समय जातक समझदारी से काम लें तो अपने शत्रुओं पर आसानी से विजय पा सकता है, घोड़े को शक्ति का प्रतिक माना जाता है, इसलिय व्यक्ति इस समय जोश और उर्जा से भरा होता है |

2. शनिदेव की सवारी गधा – 
जब शनिदेव की सवारी गधा होता है तो यह शुभ नहीं माना जाता है. तब जातक को शुभ फलों को मिलने में कमी होती है. जातक को इस स्थिति में कायों में सफलता प्राप्त करने में लिए काफी प्रयास करना होता है. यहां जातक को अपने कर्तव्य का पालन करना हितकर होता हैं |
3. शनिदेव की सवारी हाथी – 
यदि जातक के लिए शनि का वाहन हाथी हो तो इसे शुभ नहीं माना जाता है | यह जातक को आशा के विपरीत फल देता है. इस स्थिति में जातक को सहसा और हिम्मत से काम लेना चाहिए | विपरीत स्थिति में घबराना बिलकुल नहीं चाहिए |
4. शनिदेव की सवारी भैसा – 
यदि शनिदेव का वाहन भैसा हो तो जातक को मिला जुला फल प्राप्ति की उम्मीद होती है. इस स्थिति में जातक को समझदारी और होशियारी से काम करना ज्यादा बेहतर होता है | यदि जातक सावधानी से काम न ले तो कटु फलों में वृद्धि होने की संभावना बढ़ जाती है |
5. शनिदेव की सवारी सिंह – 
यदि शनि की सवारी सिंह हो तो जातक को शुभ फल मिलता है. इस समय जातक को समझदारी और चतुराई से काम लेना चाहिए इससे शत्रु पक्ष को परास्त करने में मदद मिलती है. इस अवधि में जातक को अपने विरोधियों से घबराने या ड़रने की कोई आवश्यकता नहीं है.
6. शनिदेव की सवारी सियार – 
यदि शनि की सवारी सियार हो तो जातक को शुभ फल नहीं मिलते है| इस दौरान जातक को अशुभ सूचनाएं अधिक मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती है | इस स्थिति में जातक को बहुत ही हिम्मत से काम लेना होता है |
7. शनिदेव की सवारी कौआ – 
यदि शनि की सवारी कौआ हो तो जातक को इस अवधि में कलह में बढ़ोतरी होती है. परिवार या दफ्तर में किसी मुद्दे को लेकर कलह या टकरावों की स्थिति से बचना चाहिए | इस समय जातक को शांति, संयम और मसले को बातचीत से हल करने का प्रयास करना चाहिए |
8. शनिदेव की सवारी मोर – 
शनि की सवारी मोर हो तो जातक को शुभ फल देता है | इस समय जातक को अपनी मेहनत के साथ-साथ भाग्य का साथ भी मिलता है | इस दौरान जातक को समझदारी से काम करने पर बड़ी-बड़ी परेशानी से भी पार पाया जा सकता है | इसमें मेहनत से आर्थिक स्थिति को भी सुधारा जा सकता है |
9. शनिदेव की सवारी हंस – 
यदि शनि की सवारी हंस हो तो जातक के लिए बहुत शुभ होता है | इस सायम जातक अपनी बुद्धि औए मेहनत करके भाग्य का पूरा सहयोग ले सकता है | यह अवधि में जातक की आर्थिक में सुधार देखने को मिलता है | हंस को शनि के सभी वाहनों में सबसे अच्छा वाहन कहा गया है |

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